आज के किसान की स्थिति
अभी भी हमारे अधिकतर किसान अपेक्षित सिंचाई सुविधा के अभाव में वर्षा पर आधारित रहते हैं। लेकिन इसका नतीजा ऐसा होता है कि वर्षा अधिक होती है तो फसल नष्ट होती है वर्षा कम होती है तो भी फसल कम होती है और वर्षा सामान्य रूप से होती है और फसल काफी मात्रा मे होती है तो भी उसकी स्थिति में कोई फर्क नही पडता क्योंकि बाजार में दर गिरने से उनको अपेक्षित लाभ नहीं होता। इसलिए किसान को हमेंशा कर्ज में ही रहना पडता है।
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